भावाअशिप - वर्षा वन अनुसंधान संस्थान, जोरहाट, असम(भारत)
ICFRE - Rain Forest Research Institute, Jorhat

REDD+ सचिवालय

वर्षा वन अनुसंधान संस्थान में REDD+  वर्किंग ग्रुप सेक्रेटेरियट

 

भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में REDD+ पहल के कार्यान्वयन हेतु रोड मैप तैयार करने के लिए REDD+ वर्किंग ग्रुप की एक बैठक का आयोजन दिनांक 6 सितंबर 2018 को डॉ. आर.एस.सी. जयराज, भा.व.से., निदेशक, वर्षा वन अनुसंधान संस्थान (RFRI) तथा  REDD+ वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष की अध्यक्षता में किया गया था। पूर्वोत्तर राज्यों के लिए REDD+ वर्किंग ग्रुप का गठन 'REDD+ हिमालय परियोजना' के तत्वावधान में पूर्वोत्तर राज्यों में REDD+ एक्शन की सुविधा प्रदान हेतु किया गया था, जिसे भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद ने इंटरनैशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउनटेन डेवलपमेंट (ICIMOD) के सहयोग से कार्यान्वित किया था। इनका मुख्य फोकस भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में REDD+ की पहल/एक्शन के कार्यान्वयन के लिए मार्गदर्शन, ज्ञान साझा करने और सहायता प्रदान करने हेतु, REDD+ एक्शन को शुरू करना और बढ़ावा देना था। REDD+ वर्किंग ग्रुप सचिवालय की स्थापना इसी उद्देश्य की सहमति में प्रस्तावित की गई थी। व.व.अ.सं. में REDD+ हिमालय परियोजना के अंतर्गत स्थापित वर्किंग ग्रुप का REDD+ सेक्रेटेरियट; राज्यों को आवश्यक तकनीकी सहायता, REDD+ पर अद्यतन जानकारी, मार्गदर्शन और ज्ञान साझाकरण/प्रसार प्रदान करेगा। राज्य REDD+ सेल, REDD+ एक्शन को राष्ट्रीय REDD+ रणनीति के साथ-साथ संबंधित राज्यों और समुदाय की आवश्यकता के अनुसार कार्यान्वित करेगा। REDD+ के लिए परियोजना विकसित करने हेतु मुख्य रूप से राज्य ही काम करेंगे तथा इसके लिए राज्य REDD+ सचिवालय से तकनीकी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

 

बैठक के उद्घाटन सत्र के बाद; वर्षा वन अनुसंधान संस्थान, जोरहाट में "भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के लिए REDD+ सेक्रेटेरियट" का उद्घाटन संयुक्त रूप से प्रोफेसर बी. के. तिवारी, नार्थ इस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी और श्री वी. आर. एस. रावत, विशेषज्ञ सलाहकार REDD+ हिमालय परियोजना, भा.वा.अ.शि.प. द्वारा किया गया।

 

REDD+ के कार्यान्वयन और विकास के लिए ज्ञान और अनुभव साझा करना बहुत महत्वपूर्ण है और इस संबंध में व.व.अ.सं. में REDD+ सेक्रेटेरियट महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। REDD+ के संदर्भ में पूर्वोत्तर भारत के राज्य तैयारियों के विभिन्न स्तरों पर हैं। जो राज्य पहले से ही REDD+ परियोजनाओं को लागू करने की तैयारी में हैं या पहले से ही पायलट परियोजनाओं को लागू कर रहे हैं, को क्षेत्र के अन्य राज्यों के साथ  अनुभव-साझा के माध्यम से परियोजनाओं के विकास में मदद करनी चाहिए। जिन राज्यों में पहले से ही REDD+ परियोजनाएँ चल रही हैं, हालाँकि वह यूनाटेड नेशन्स फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (UNFCCC) या अन्य मानकों के साथ पंजीकृत नहीं हैं, वह वर्किंग ग्रुप के साथ विवरण साझा करें, ताकि इसका उपयोग अन्य राज्यों में क्षमता निर्माण के लिए किया जा सके। व.व.अ.सं. में REDD+ वर्किंग ग्रुप का सेक्रेटेरियट  REDD+ पर सभी प्रासंगिक साहित्य एकत्र करें, उसका एक संकलन बनायें और वर्किंग ग्रुप के सभी सदस्यों के साथ साझा करें। नियमित संचार तंत्र; REDD+ वर्किंग ग्रुप का उद्देश्य है। अनुसंधान और शैक्षणिक संस्थान ज्ञान-साझा, क्षमता निर्माण और सुरक्षा के कार्यान्वयन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

 

 

RFRI में REDD+ सेक्रेटेरियट की स्थापना

डॉ. आर.एस.सी. जयराज, भा.व.से., निदेशक और अध्यक्ष का स्वागत भाषण

वर्किंग ग्रुप के REDD+ सेक्रेटेरियट का उद्घाटन करते डॉ. बी.के. तिवारी और श्री वी.आर.एस. रावत

REDD+ सेक्रेटेरियट में REDD+ वर्किंग ग्रुप मेम्बर

REDD+ वर्किंग ग्रुप मीटिंग के सदस्यों और प्रतिभागियों की ग्रुप फोटो